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प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह

 भारत के प्रधानमंत्री  के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी राष्ट्रों के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेल में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया। अन्य संबंधित जानकारी 9 जून को आयोजित प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका के अलावा तीन द्वीपीय देशों, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे। श्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमेली के रूप में शपथ ली, उनके साथ 71 मेलियों ने भी शपथ ली। नई गठबंधन सरकार में प्रधानमेली के अलावा 30 कैबिनेट मंलियों, पाँच राज्य मेल्लियों (स्वतंत्न प्रभार) और 36 राज्य मंलियों को राष्ट्रपति द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए है। द्वीपीय राष्ट्रों के साथ सहभागिता भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और SAGAR सिद्धांत स्पष्ट रूप से रेखांकित करते हैं कि भारत अब दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय सीमाओं से बंधा नहीं है। ✓ क्षेल में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (Security and Growth for All in the Region -...

Current affairs 2024:- भारत में सहकारी समितियों की स्थिति कैसी हैं

 भारत में सहकारी समितियों की स्थिति • 97वें संविधान संशोधन अधिनियम 2011 के माध्यम से सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा और संरक्षण प्रदान किया गया। अनुच्छेद 19(1) (c) सह‌कारी समितियों के गठन का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। ●सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के लिए संविधान के राज्य के नीति-निर्देशक तत्व वाले भाग IV में अनुच्छेद 43B को शामिल किया गया। ●सहकारी समितियों के निगमन, विनियमन और समापन के प्रावधानों के साथ भाग IXB में 'सहकारी समितियाँ को शामिल किया गया था। ●भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) भारत में सहकारी संगठनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ●भारत में सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली निस्रलिखित कानूनों द्वारा विनियमित होते हैं: • अलग-अलग राज्यों हेतु राज्य सहकारी समिति अधिनियम। • एक से अधिक राज्यों में संचालित बहु-राज्य सहकारी समितियों के विनियमन के लिए बहुराज्य सहकारी सोसाइ‌टी अधिनियम, 2002 ।

Current affairs 2024 :- सहकारी समितियाँ (Cooperative Societies)

 सहकारी समितियाँ (Cooperative Societies) संदर्भ हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि सहकारी समितियाँ सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के दायरे में नहीं आती हैं। सहकारी समिति सहकारी समिति व्यक्तियों द्वारा मिलकर काम करने तथा आपसी सहयोग के माध्यम से अपने आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने हेतु गठित एक स्वैच्छिक समूह है। इसमें समाज के सदस्य सामूहिक लाभ के उद्देश्य से संसाधनों को एकलित करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी को लाभ प्राप्त हो। पृष्ठभूमि माधनम प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण सोसायटी' (Madhanam Primary Agriculture Cooperative Credit Society) के एक सदस्य ने यह साबित करने हेतु सूचना माँगी थी कि सोसायटी ने जाली संपत्ति दस्तावेजों के आधार पर बड़ी संख्या में फसल ऋण प्रदान किए थे तथा बाद में राज्य सरकार द्वारा गरीब किसानों की सहायता प्रदान करने हेतु लिए गए निर्णयों के आधार पर उन ऋणों को माफ कर दिया था। • संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने आरटीआई अधिनियम के तहत तमिलनाडु सूचना आयोग में अपील दायर की। • मई, 2022 में, तमिलनाडु सूचना आयोग (TNIC) ने अपने निर्णय में सहका...

Current affairs:- नोटा (NOTA) नोटा क्या हैं।

NOTA Full Form :- None of The Above  सन्दर्भ   हाल ही में इंदौर लोकसभा क्षेत्र में NOTA को 2 लाख के अधिक वोट प्राप्त हुये। अन्य संबंधित जानकारी • किसी भी निर्वाचन क्षेल में अब तक "NOTA" विकल्प को सबसे अधिक वोट इंदौर लोकसभा क्षेत्र मे मिले हैं। • पिछला NOTA रिकॉर्ड 2019 में गोपालगंज, बिहार का • था, जब 51,660 मतदाताओं ने NOTA के लिए वोट दिया था।  NOTA कब और क्यों शुरू किया गया ? • सितंबर 2013 में भारतीय चुनाव आयोग को NOTA विकल्प शुरू करने का निर्देश दिया था। ●2004 में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मतदाताओं के मताधिकार के प्रयोग के 'गोपनीयता के अधिकार' की रक्षा के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की थी। ☆उन्होंने तर्क दिया कि निर्वाचन संचालन नियम, 1961 गोपनीयता के पहलू का उल्लंघन करता है, क्योंकि पीठासीन अधिकारी उन मतदाताओं का रिकॉर्ड रखता है जो मतदान करना नहीं चाहते हैं, साथ ही इस अधिकार का प्रयोग करने वाले प्रत्येक मतदाता के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान भी रखता है। • केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि मतदान का अधिकार ...

लिविंग विल(Living Will): मुद्दे की पृष्ठभूमि

 वर्ष 2018 में उच्चतम न्यायालय ने कॉमन कॉज बनाम भारत राध मामले में। निष्क्रिय इच्छामृत्यु को कानूनी बना दिया, लेकिन विशिष्ट शर्तों के तहत:           ▪︎ यदि व्यक्ति बाद में स्वयं निर्णय नहीं ले सकता है तो उसके             पास एक "लिविंग विल" होना आवश्यक है, जो एक                     लिखित दस्तावेज है जिसमे उसकी चिकित्सा संबंधी                     प्राथमिकताएं  अंकित होती है। इस निर्णय से, असाध्य बीमारी से ग्रस्त रोगियों जो स्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में जा सकते हैं को लिविंग विल बनाने की मान्यता मिल गई। वर्ष 2023 में उच्चतम न्यायालय ने न्यायिक दंशाधिकारियों की भागीदारी को हटाकर इच्छामृत्यु की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अपने फैसले को संशोधित किया।            ▪︎ये दिशानिर्देश तब तक लागू रहेगे जब तक संसद इस                  ...

लिविंग विल (Living Will):सम्मानजनक मृत्यु के लिए दस्तावेज और इसकी प्रक्रिया

 लिविंग विल (Living Will) संदर्भ में  हाल ही में, बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा पीठ में कार्यरत न्यायमूर्ति एम.एस. सोनक गोवा में "लिविंग विल" (जीवन वसीयत) पंजीकृत करने वाले पहले व्यक्ति बने। लिविंग विल क्या है? • लिविंग विल एक कानूनी दस्तावेज है जिसे व्यक्ति अपने जीवित रहते हुए बना सकता है, जिसमें वह भविष्य में गभीर रूप से बीमार होने पर चिकित्सा उपचार के लिए अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है।  इसमें किसी के जीवित रहते या मृत्यु के बाद संपत्ति का निपटान शामिल नहीं होता है। ☆ यह अंतिम वसीयतनामा से भिन्न है जो कि व्यक्तियों की अपनी संपत्ति के संबंध में उनके इरादे की एक औपचारिक, कानूनी घोषणा है जिसे वे अपनी मृत्यु के बाद लागू कराना चाहते हैं। ☆ यह दस्तावेज़ उस स्थिति में प्रासंगिक हो जाता है जब व्यक्ति निष्क्रिय अवस्था (Vegetative state) में हो और चिकित्सा देखभाल के संबंध में अपनी इच्छा बताने में असमर्थ हो। ☆ निष्क्रिय अवस्था में व्यक्ति जागा तो रहता है, लेकिन उसमें जागरूकता के कोई लक्षण नहीं दिखते। • मूलतः एक लिविंग विल व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने का अधिकार देती है कि यद...

कोशिका क्या हैं, कोशिका की खोज सबसे पहले किसने किया?

 कोशिका (Cell) • कोशिका का अध्ययन 'साइटोलॉजी' Cytology कहलाता है। • कोशिका प्रत्येक जीवधारी की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई है।  प्रत्येक जीवधारी का शरीर कोशिका से मिलकर बना है। • सर्वप्रथम कोशिका की खोज 1665 ई. में राबर्ट हुक ने किया। किंतु इन्होंने मृत कोशिका की खोज की थी। इन्हें Father of Cytology कहते हैं। • मृत कोशिकाओं (Dead Cell) को नेक्रोसिस (Necrosis) कहते हैं। • रॉबर्ट ब्राउन ने अपनी कोशिका संबंधित खोजो का वर्णन माइक्रोग्राफिया (Micrographin) पुस्तक में किया है। सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज 1674 ई. में एन्टोनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने किया। इन्हें Father of Bacteriology कहते हैं। • इनके द्वारा खोजी गई कोशिकाएं जीवाणु (Bacteria), RBC, Protozoa, Sperm (शुक्राणु) • स्लाइडेन एवं श्वान ने कोशिका सिद्धांत दिया और कहा कि शरीर कोशिकाओं से बना है अतः कोशिका शरीर की सबसे छोटी इकाई है।  आधुनिक कोशिका विज्ञान के पिता Swanson को कहा जाता है। • ल्यूवेनहॉक की पुस्तक का नाम Secrets of Nature है। इन्होंने Cell नामक पुस्तक लिखी। • भारतीय कोशिका विज्ञान के पिता A.K. Sharina को कहा जात...