प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह
भारत के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी राष्ट्रों के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेल में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया।
अन्य संबंधित जानकारी
9 जून को आयोजित प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका के अलावा तीन द्वीपीय देशों, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे। श्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमेली के रूप में शपथ ली, उनके साथ 71 मेलियों ने भी शपथ ली।
नई गठबंधन सरकार में प्रधानमेली के अलावा 30 कैबिनेट मंलियों, पाँच राज्य मेल्लियों (स्वतंत्न प्रभार) और 36 राज्य मंलियों को राष्ट्रपति द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए है।
द्वीपीय राष्ट्रों के साथ सहभागिता
भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और SAGAR सिद्धांत स्पष्ट रूप से रेखांकित करते हैं कि भारत अब दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय सीमाओं से बंधा नहीं है।
✓ क्षेल में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (Security and Growth for All in the Region -SAGAR)
हिंद महासागर हेतु भारत का रणनीतिक दृष्टिकोण है, जिसको वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। द्विपक्षीय भागीदारी बेहतर लाभ प्रदान करने के साथ-साथ किसी भी समुद्री साझेदार द्वारा चीन समर्थक कदमों को संतुलित करने में सहायक है।
• विशेषकर, मालदीव भारत के समुद्री सुरक्षा बाँचे के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण रणनीतिक देश है। इसलिए, मालदीव के राष्ट्रपति मुइजू को आमंत्रित करने का कदम रणनीतिक है। यह विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राष्ट्रपति मुइजू की भारत की पहली याला होगी।
मॉरीशस अपने अगालेगा द्वीप के कारण नए कूटनीतिक प्रयासों का केंद्र रहा है। अगालेगा पर भारत की उन्नत हवाई पट्टी भारतीय नौसेना को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण P-81 समुद्री टोही विमान को संचालित करने की अनुमति देती है।
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